अनंततरंग
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Wednesday, 16 January 2019
क्षितिज
तुझं नि माझं ...
क्षितिज.....
एक विरघळलेली रेषा ....
मनाने मनाला जोडलेलं
जे फक्त माझं होतं ....
कळेपर्यंत दुभंगलेलं ....
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